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कक्षा 8 पाठ 5 क्या निराश हुआ जाए

Posted on May 6, 2023May 6, 2023 By pankajd10 1 Comment on कक्षा 8 पाठ 5 क्या निराश हुआ जाए

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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए.

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
उत्तर : लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं। हमारे विचार से इस बात का यह कारण हो सकता है कि लेखक के साथ जहाँ कुछ धोखा देने कि घटनाएं हुई हैं, वहीं ढाँढ़स बँधाने वाली घटनाएं भी कुछ कम नहीं हुई हैं। जब लोगों ने बिना किसी स्वार्थ या कारण के लेखक कि मदद कि हो। लेखक का मानना है कि यदि हम सिर्फ धोखा खाने वाली घटनाओं को ही याद रखेंगे तब किसी पर भी विश्वास रखपाना मुश्किल हो जाएगा। यह हमारे जीवन के लिए बेहद कष्टकारी होगा। हमें ऐसी घटनाओं को भी याद रखना होगा जो हमें ढाँढ़स बँधाती हैं हिम्मत देती हैं। ऐसी ही घटनाओं का जिक्र करते हुए लेखक ने टिकट बाबू द्वारा बचे हुए पैसे लौटाना, बस कंडक्टर द्वारा दूसरी बस व बच्चों के लिए दूध लाना आदि बताई हैं। इसलिए उसे विश्वास है कि समाज में मानवता, प्रेम, आपसी सहयोग समाप्त नहीं हो सकते।
प्रश्न 2. दोषों का पर्दाफ़ाश करना कब बुरा रूप ले सकता है?
उत्तर: दोषों का पर्दाफ़ाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करने में रस लिया जाता है। दोषों का पर्दाफाश करने को ही एकमात्र कर्तव्य मान लिया जाता है । बुराई में रस लेना बुरी बात है ।  
प्रश्न  3: आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार के समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार लिखिए?
उत्तर: आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार के समाचारों और कार्यक्रमों के बारे में मेरा या विचार है कि ऐसे समाचारों और कार्यक्रमों को बहुत ही सतर्कता के साथ पेश किया जाना चाहिए, जिससे समाज जागरूक और सावधान हो सके, परंतु उसके मान में डर या निराशा के भाव न आने पाएं। 
प्रश्न 4: निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे – ”ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है। ”परिणाम-भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
1. ”सच्चाईकेवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।” ………………..
2. ”झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” ………………..
3. ”हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।” ………………..
उत्तर: 1. ”सच्चाईकेवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। – तानाशाही बढ़ेगी
2. ”झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” – भ्रष्टाचार बढ़ेगा
3. ”हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।” – अविश्वास बढ़ेगा
प्रश्न 5: लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?
उत्तर: लेखक ने इस लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ इसलिए रखा होगा क्योंकि आज-कल जहाँ समाचार पत्रों और चैनलों में हर ओर निराशा से भारी अराजकता, लूट, डकैती और भ्रष्टाचार कि ही घटनाएं ही सामने आती हैं। वहीं दूसरी ओर लेखक उन घटनाओं को याद करते हैं जिनसे हौसला बढ़त है हिम्मत बँधती है कि अभी भी लोग बिना किसी स्वार्थ के एक दूसरे कि मदद करने में पीछे नहीं रहते। वे कहते हैं कि हमें समाज के मानवीय गुणों से भरे लोगों को और उनके कार्यों को याद रखने कि आवश्यकता है जिससे हम निराश न हों । इसका अन्य शीर्षक ‘निराशा में आशा’ भी रख सकते हैं।
प्रश्न 6: यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिहन लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिह्नों में से कौन-सा चिहन लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए – , । . । ? ; – , …. ।
उत्तर : ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद मैं प्रश्न चिन्ह(?) ‘क्या निराश हुआ जाए?’ लगाना उचित समझता हूँ। समाज में व्याप्त बुराइयों के बीच रहते हुए भी जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टि जरूरी है।
प्रश्न  7: ”आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: ”आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” – मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि समाज में रहते हुए व्यक्ति को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार कि परिस्थितियों से गुजरना होता है। जब वह नकारात्मक कष्ट पूर्ण स्थितियों का सामाना करता है तब ये आदर्श उसे और अधिक परेशान कर देते हैं। वे अपने स्वार्थ के लिए आदर्शों को छोड़ने को भी तैयार हो जाते हैं। यह स्वार्थ ही हमें अराजकता और भ्रष्टाचार कि ओर ले जाता है ।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए.

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए

भाषा की बात

प्रश्न 1: दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है – द्वंद्व समास।
इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे – चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात। ‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है।
द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर: 1. सुख और दुख = सुख-दुख
2. भूख और प्यास = भूख-प्यास
3. रात और दिन = रात-दिन
4. सुबह और शाम = सुबह-शाम
5. अच्छा और बुरा = अच्छा-बुरा
6. हँसना और रोना = हँसना-रोना
7. आते और जाते = आते-जाते
8. खान और पीना = खान-पीना
9. राजा और रानी = राजा-रानी
10. माता और पिता = माता-पिता
11. स्त्री और पुरुष = स्त्री-पुरुष
12. पाप और पुण्य = पाप-पुण्य
प्रश्न 2: पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर : व्यक्तिवाचक संज्ञा : रवींद्र नाथ ठाकुर, मदनमोहन मालवीय, भारत, यूरोप आदि।  जातिवाचक संज्ञा : बस, यात्री, मनुष्य, ड्राइवर, कंडक्टर, आर्य, द्रविड़, पति, पत्नी आदि।
भाववाचक संज्ञा : ईमानदारी, सच्चाई, झूठ, चोर, डकैत आदि।

लेखक का जीवन परिचय जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

हजारी प्रसाद द्विवेदी जीवन परिचय

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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए

  • Chapter 1 लाख की चूड़ियाँ
  • Chapter 2 बस की यात्रा
  • Chapter 3 दीवानों की हस्ती
  • Chapter 4 भगवान के डाकिये
  • Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए
  • Chapter 6 यह सबसे कठिन समय नहीं
  • Chapter 7 कबीर की साखियाँ
  • Chapter 8 सुदामा चरित
  • Chapter 9 जहाँ पहिया हैं
  • Chapter 10 अकबरी लोटा
  • Chapter 11 सूरदास के पद
  • Chapter 12 पानी की कहानी
  • Chapter 13 बाज और साँप
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Comment (1) on “कक्षा 8 पाठ 5 क्या निराश हुआ जाए”

  1. Ravishankar Sao says:
    May 6, 2023 at 12:04 pm

    Nice Creation, It is very much supportive for the students of all classes of NCERT Curriculum,

    Reply

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