NCERT Solution Bachpan Path 2
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
संस्मरण से
प्रश्न 1. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थी ं?
उत्तर- लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे स्वयं धोती थी| उसके बाद जूतों पर पॉलिश करके उन्हें कपड़े या ब्रश से रगड़-रगड़कर चमकाती थी।
प्रश्न 2. ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’-इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती हैं?
उत्तर- ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ इस बात को स्पष्ट करने के लिए लेखिका अनेक उदाहरण देती हुई कहती हैं कि हमारे समय की कुल्फ़ी अब आइसक्रीम हो गई है। कचौड़ी-समोसा, पैटीज़ हो गए हैं। शरबत अब कोक-पेप्सी में बदल गए हैं। उस समय में कोक नहीं लेमनेड और विमटो मिलती थी।
प्रश्न 3. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर- पाठ पढ़ने से पता चलता है कि लेखिका दिन के उजाले के स्थान पर रात में टेबल लैंप की रौशनी में बैठकर पढ़ती थी इस कारण उनकी नजर कमजोर हो गई और उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते हुए कहते थे “आँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की, यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की|”
प्रश्न 4. लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीजें मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
उत्तर- लेखिका अपने बचपन में चॉकलेट को बड़े मजे से खाती थी। उनको सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। घर में उनके पास चॉकलेट का सबसे ज्यादा स्टॉक रहता था। इसके अलावा कुल्फ़ी, शहतूत, फ़ाल्से के शरबत, पेस्ट्री तथा ‘काफल’,‘चेस्टनट’ और कमरस जैसे फल मजे ले-लेकर खाती थी। संस्मरण से आगे
प्रश्न 1. लेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं। आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर- लेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं। आज-कल हमें कंप्यूटर, टेलीविज़न, इंटरनेट, मोबाइल, रोबोट, मेट्रो ट्रेन, मोटर कार, बाइक आदि अनेकों आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें ज्यादा आकर्षित करती हैं| प्रश्न 2. अपने बचपन की किसी मनमोहक घटना को याद करके विस्तार से लिखो।
उत्तर- अपने अनुभव के आधार पर विद्यार्थीगण स्वयं लिखें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. सन् 1935-40 के लगभग लेखिका को बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रा उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
उत्तर- सन् 1935-40 के लगभग लेखिका के बचपन का अधिकांश शिमला में गुजरा। उस समय से ही शिमला का विकास होना शुरू हो गया था। वहाँ रेस्टोरेंट, मॉल, अनेकों ब्रांडों के शोरूम, बड़ी दुकानें आदि खुलने लगी थीं। छोटी-छोटी पहाड़ियों पर बसा शहर| लेखिका के घर के सामने पहाड़ी की चढ़ाई-चढ़कर गिरजा मैदान और वहाँ से उतर कर मॉल पहुंचा जा सकता था | सूर्यास्त के समय धुंधलके में गहराते पहाड़, रिज पर बढ़ती रौनक, मॉल के दुकानों की चमक और स्कैंडल प्वांइट ये सब शिमला की खूबसूरती में चार-चाँद लगते दिखाई देते हैं।
प्रश्न 2. लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है। अनुमान लगाइए कि सरवर कौन हो सकता है?
उत्तर- लेखिका इस संस्मरण में दो बार सरवर को सम्बोधित करती हुई दिखाई देती हैं। मेरे अनुमान से यह सरवर लेखिका के कोई मित्र, परिचित, पत्रकार, बच्चे या कोई और संकेत रूप में हो सकता है। जिन्हें वे अपनी कहानी सुना रही हों। इन दो स्थानों के अलावा किसी और जगह सरवर के लिए कोई अन्य संबोधन का प्रयोग नहीं किया गया है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनके भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर-
क्रिया भाववाचक संज्ञा
गूंजना गूँज
उभरना उभार
दौड़ दौड़ना
चढ़ाई चढ़ना
चलन चाल
गहराई गहराना
खीज़ खींजना
बदलाव बदलना
प्रश्न 2. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो-
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(घ) सभी लोग हँस रहे थे।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
उत्तर- निम्नलिखित वाक्यों में मोटे अक्षरों में लिखे शब्द विशेषण हैं| उनके सामने उनके भेद लिखे गए हैं-
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए। दो दर्जन – निश्चित संख्यावाचक विशेषण।
(ख) दो किलो अनाज दे दो। दो किलो – निश्चित परिणामवाचक विशेषण।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं। कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।
(घ) सभी लोग हँस रहे थे। सभी – अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
(i) तुम्हारा – सार्वनामिक विशेषण| (ii) बहुत – अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण। (iii) सुंदर – गुणवाचक विशेषण।
प्रश्न 3. कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर- निम्नलिखित वाक्यों में मोटे अक्षरों में लिखे शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं –
(क) हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगते
(ख) उन दिनों कुछ घरों में ग्रामोफ़ोन थे।
(ग) हमारा घर माल से ज्यादा दूर नहीं था।
(घ) अपने-अपने जूते पॉलिश करके चमकाते।
(ङ) यह गाना उन दिनों स्कूल में हर बच्चे को आता था।
कुछ करने को
प्रश्न 1. अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ।
उत्तर- अपने अनुभव के आधार पर विद्यार्थीगण स्वयं करें।
निर्देश : विद्यार्थीगण अपनी कल्पना के आधार पर पैंट-शर्ट, जींस-टीशर्ट, फ्रॉक, सलवार-कमीज के डिजाइन तैयार कर सकते हैं। इसके साथ ही रखेंगे-पहनने में सुविधा और आराम का या आधुनिकता और कारीगरी आदि का ध्यान कपडे बनाते समय रखने की आवश्यकता होती है | इन बातों को लिखें |
प्रश्न 2. तीन-तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौन-सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है।
उत्तर- अपने अनुभव के आधार पर विद्यार्थीगण स्वयं लिखें।
प्रश्न 3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर जानकारी इकट्ठी करो।
उत्तर- कपड़े बनाने के दो तरीके होते हैं- पहला हाथों द्वारा और दूसरा मशीनों द्वारा| हाथों द्वारा कपड़े बनाने के यंत्र को हथकरघा कहते हैं| इससे संबंधित पूरी जानकारी इकट्ठी करने के लिए आप किसी कपड़े कारखाने में जाएं और देखें|
प्रश्न 4. हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।
उत्तर- अपने अनुभव के आधार पर विद्यार्थीगण स्वयं लिखें।
अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) “बचपन’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) रवींद्रनाथ टैगोर
(iii) महादेवी वर्मा
(iv) कृष्णा सोबती
(ख) लेखिका को परिवार के सभी लोग क्या कहकर पुकारते हैं?
(i) चाची, (ii) मौसी,
(iii) जीजी, (iv) दादी
(ग) लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था?
(i) 18वीं सदी
(ii) 20वीं सदी
(iii) 21वीं सदी
(iv) 22वीं सदी
(घ) बचपन में लेखिका किस-किस रंग के कपड़े पहनती रही हैं?
(i) नीले-पीले-काले (ii) लाल-हरे-गुलाबी
(iii) नीला-जामुनी-ग्रे-कला-चॉकलेटी (iv) ग्रे-पीला-कला
(ङ) हर शनिवार को सुबह से ही लेखिका को किसकी गंध आने लगती थी?
(i) घी (ii) ऑलिव ऑयल (iii) सरसों तेल (iv) नारियल तेल
(च) लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या काम करती थी?
(i) वह विद्यालय जाती थी।
(ii) वह पौधों की देख-रेख करती थी।
(iii) वह नृत्य करती थी।
(iv) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थी
(छ) लेखिका के बचपन के दिनों में घरों में कौन से उपकरण नहीं होते थे?
(i) रेडियो और टेलीविजन (ii) ग्रामोफोन, (iii) सुराही, (iv) कपड़े
(ज) लेखिका को सप्ताह में कितने दिन चॉकलेट खरीदने की छूट थी?
(i) चार बार (ii) तीन बार (iii) दो बार (iv) एक बार
(झ) लेखिका के बचपन के दिनों में कौन सा गाना स्कूल के हर बच्चे को आता था?
(i) कला चश्मा (ii) हम हिन्दुस्तानी (iii) नाटू-नाटू (iv) चना जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
(ञ) स्कैंडल पॉइंट के सामने कि दुकान के शोरूम में किस ट्रेन का मॉडल बना था?
(i) हावड़ा मेल (ii) शिमला-कालका ट्रेन (iii) राजधानी ऐक्सप्रेस (iv) जन शताब्दी
उत्तर-(क) (iv), (ख) (iii), (ग) (ii), (घ) (iii), (ङ) (ii), (च) (iv), (छ) (i), (ज) (iv), (झ) (iv), (ञ) (ii)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. इस संस्मरण में लेखिका किससे ओर क्या बात कर रहीं हैं?
उत्तर- इस संस्मरण में लेखिका बच्चों से अपने बचपन की बात कर रही है।
प्रश्न 2. लेखिका कि आँखों मे चश्मा लगने का जिम्मेदार कौन था?
उत्तर- लेखिका कि आँखों मे चश्मा लगने की जिम्मेदार लेखिका स्वयं थीं?
प्रश्न 3. लेखिका को सप्ताह में कितनी बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी?
उत्तर- लेखिका को सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी।
प्रश्न 4.हर शनिवार को लेखिका को क्या पीना पड़ता था?
उत्तर- हर शनिवार को लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था।
प्रश्न 5. लेखिका को पहली बार चश्मा पहने देख कर कौन चिढ़ाता था?
उत्तर- लेखिका को पहली बार चश्मा पहने देख कर उनके चचेरे भी भाई चिढ़ाते थे?
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीजें मज़ा ले-लेकर खाती थी ?
उत्तर- लेखिका बचपन में चॉकलेट, पेस्ट्री कुल्फ़ी, शहतूत, फ़ाल्से के शरबत तथा शिमला के खट्टे-मीठे काफ़ल, रसभरी, कसमल तथा चेस्टनट आदि फल मजे ले-लेकर खाती थी।
प्रश्न 2. लेखिका बचपन में कौन-कौन सी पोशाक पहनना पसंद करती थी?
उत्तर- लेखिका बचपन में रंग-बिरंगे अनेक प्रकार के कपड़े पहनती थी। फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे आदि। उस समय फ्रॉक की जेब में रूमाल और बालों में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फीते बाँधने का फ़ैशन था। लेखिका का एक फ्रॉक नीली पीली रंग का धारीवाला था जिसका कॉलर गोल था, दूसरा हलके गुलाबी रंग का महीन चुन्नट और गुलाबी फ्रिलवाला घेरदार फ्रॉक था। लेमन कलर के बड़े प्लेटों और नीचे फ़रवाला गर्म फ्रॉक पहनना पसंद करती थी|
प्रश्न 3. चश्मा लगाने वाले डॉक्टर ने लेखिका से चश्मे के बारे में क्या कहा?
उत्तर-चश्मा लगाते वाले डॉक्टर ने लेखिका से कहा कि कुछ दिन चश्मा लगाने के बाद चश्मा अपने आप उतर जाएगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। इसकी जिम्मेदार लेखिका स्वयं को बताती हैं। दिन की रोशनी के स्थान पर रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करने के कारण चश्मा कभी नहीं उतर सका।
प्रश्न 4. टोपी के संबंध में लेखिका क्या सोचती थी?
उत्तर- लेखिका बचपन के दिनों में सिर पर टोपी लगाना पसंद करती थी। उनके पास कई रंगों की टोपियाँ थीं। उनका कहना है कि सिर पर हिमाचली टोपी पहनना आसान था जबकि सिर पर दुपट्टा रखना थोड़ा कठिन काम।
प्रश्न 5.
उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखिए।
उत्तर- उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में और रहन-सहन में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है। बचपन में लेखिका रंग-बिरंगी पोशाकें पहनती थी। जैसे पहले फ्रॉक, उसके बाद निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे इत्यादि। वर्तमान परिवेश में वे चूड़ीदार पजामी और ऊपर से घेरेदार कुर्ता पहनती हैं।
प्रश्न 6. उन दिनों चना जोर गरम किस तरह की पुड़िया में मिलता था?
उत्तर- उन दिनों चना जोर गरम पुराने कागजों से बनी पुड़िया जिसे नीचे से तिरछी लपेटते हुए ऊपर से इतनी चौड़ी कि चने आसानी से निकाल आएं|
प्रश्न 7. लेखिका अपने बचपन के जूतों के बारे में क्या बताती हैं?
उत्तर- लेखिका अपने बचपन के जूतों के बारे में बताती हैं कि वे आज-कल के जूतों की तरह आरामदायक नहीं होते थे| नए जूतों के साथ पैरों के छाले भी उपहार में मिल जाते थे, इसलिए जेब में रुई रकना पड़ती थी कि जब कभी अधिक चलने पर जूते लगने लगें तो उस स्थान पर लगाया जा सके|
Very nice arrangements of chapters co-accordially mentioned as per ncert