NCERT Class 6 Vasant Bhag 1 Vah Chidiya Jo पाठ 1
वह चिड़िया जो
कविता का भावार्थ

पंक्तियाँ – वह चिड़िया जो –
चोंच मारकर
दूध-भरे जुंड़ी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है|
शब्दार्थ – जुंड़ी – ज्वार(एक अनाज), रुचि- पसंद, रस- स्वाद ले कर, अन्न- अनाज|
भावार्थ- कवि कहते हैं कि मेरे मन रूपी चिड़िया को जुंड़ी के दाने बहुत पसंद हैं, इसलिए वह उन्हें बड़े स्वाद से खाती है| वह चिड़िया बहुत छोटी और संतोषी है, उसके पंख नीले हैं और उसे अन्न से प्यार है| अर्थात कवि को जुंड़ी बहुत अच्छी लगती है, वह बड़े शौक से उसे खाता है|
पंक्तियाँ – वह चिड़िया जो –
कंठ खोलकर
बूढ़े वन-बाबा की खातिर
रस उँड़ेलकर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है|
शब्दार्थ – कंठ – गला, वन- जंगल, खातिर- के लिए, विजन-जंगल |
भावार्थ- कवि कहते हैं कि मेरे मन रूपी चिड़िया जंगल का एकांत पाकर खुले गले पूरे मन से जंगल के लिए गाती है, उस छोटी नीले पंखों वाली चिड़िया को जंगल से बहुत प्यार है| अर्थात वह चिड़िया एकांत पाकर बहुत प्रसन्न होती है और जंगल से उसे प्यार है|
पंक्तियाँ – वह चिड़िया जो –
चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है|
शब्दार्थ- चढ़ी- बाढ़ से भरी,टटोलकर – छूकर, जल-पानी, गरबीली- गर्व करने वाली|
भावार्थ- कवि कहते हैं कि मेरे मन रूपी चिड़िया बहुत बहादुर है वह बाढ़ से भरी नदी के बीच से पानी की बूँद रूपी मोती ले आती है, उसे अपने पर गर्व है और वह नदी से बहुत प्यार करती है| अर्थात वह चिड़िया कठिन से कठिन स्थिति में भी नहीं घबराती| उसे इस बात का गर्व है
NCERT Class 6 Vasant Bhag 1 Vah Chidiya Jo
बाबू केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय, रचनाएँ, तथा भाषा-शैली की जानकारी के लिए यह जाएं :
NCERT Class 6 Hindi Chapters
- पाठ-01 वह चिड़िया जो
- पाठ-02 बचपन
- पाठ-03 नादान दोस्त
- पाठ-04 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें
- पाठ-05 अक्षरों का महत्व
- पाठ-06 पार नज़र के
- पाठ-07 साथी हाथ बढ़ाना
- पाठ-08 ऐसे-ऐसे
- पाठ-09 टिकट एलबम
- पाठ-10 झांसी की रानी
- पाठ-11 जो देखकर भी नही देखते
- पाठ-12 संसार पुस्तक है
- पाठ-13 मैं सबसे छोटी होउ
- पाठ-14 लोकगीत
- पाठ-15 नौकर
- पाठ-16 वन के मार्ग
- पाठ-17 साँस साँस में बांस
Great work in the field of Hindi literature