Skip to content
हिन्दी साहित्य दर्पण

हिन्दी साहित्य दर्पण

NCERT Solutions for Class 6 to Class 10 CBSE Hindi

  • Home
  • About Us
  • Terms of use
  • Disclaimer
  • कक्षा 10
    • Chapter 1-“साखी” के प्रश्न-अभ्यास
    • Chapter 2 Pad “पद” के प्रश्न-अभ्यास
    • मीरा के पद पाठ सार
    • Chapter 12 “तताँरा-वामीरो कथा”
    • Chapter 13- तीसरी कसम के शिल्पकार : शैलेंद्र
    • Chapter 4- “मनुष्यता” प्रश्न-उत्तर
    • Sample Question Paper
  • Class 6
  • Class 7
  • Class 8
  • Class 9
  • Class 10
  • Toggle search form
Meera ke Pad Class 10 Explanation

मीरा के पद पाठ सार

Posted on April 8, 2023April 8, 2023 By pankajd10 No Comments on मीरा के पद पाठ सार

Table of Contents

Toggle
  • Meera ke Pad Class 10 Explanation
  • मीरा के पद पाठ सार
  •  
  • मीरा के पद पाठ की व्याख्या
  • ( 1 )

Meera ke Pad Class 10 Explanation

Meera ke Pad Class 10 Explanation

मीरा के पद पाठ सार

इन पदों में मीराबाई श्री कृष्ण का भक्तों के प्रति प्रेम और अपना श्री कृष्ण के प्रति भक्ति – भाव का वर्णन करती है। पहले पद में मीरा श्री कृष्ण से कहती हैं कि  जिस प्रकार आपने द्रोपदी ,प्रह्लाद और ऐरावत के दुखों को दूर किया था उसी तरह मेरे भी सारे दुखों का नाश कर दो।
दूसरे पद में मीरा श्री कृष्ण के दर्शन का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती , वह श्री कृष्ण की दासी बनाने को तैयार है ,बाग़ – बगीचे लगाने को भी तैयार है ,गली गली में श्री कृष्ण की लीलाओं का बखान भी करना चाहती है ,ऊँचे ऊँचे महल भी बनाना चाहती है , ताकि दर्शन का एक भी  मौका न  चुके।
श्री कृष्ण के मन मोहक रूप का वर्णन भी किया है और मीरा कृष्ण के दर्शन के लिए इतनी व्याकुल है की आधी रात को ही कृष्ण को दर्शन देने के लिए बुला रही है।

 

मीरा के पद पाठ की व्याख्या

Meera ke Pad Class 10 Explanation

( 1 )

हरि आप हरो जन री भीर।
द्रोपदी री लाज राखी , आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि , धरयो आप सरीर।
बूढ़तो गजराज राख्यो , काटी कुञ्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर , हरो म्हारी भीर।।

शब्दार्थ

हरि – श्री कृष्ण
जन – भक्त
भीर – दुख- दर्द
लाज – इज्जत
चीर – साड़ी , कपडा
नरहरि – नरसिंह अवतार
सरीर – शरीर
गजराज – हाथियों का राजा ऐरावत
कुञ्जर – हाथी
काटी – मारना
लाल गिरधर – श्री कृष्ण
म्हारी – हमारी

प्रसंग :- प्रस्तुत पद हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘स्पर्श‘ भाग 3  के पाठ ‘पद‘ से लिया गया है। इसकी कवयित्री मीराबाई हैं। इसमें कवयित्री अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण से स्वयं की रक्षा की विनती कर रही हैं ।

व्याख्या -: प्रस्तुत पद में कवयित्री मीराबाई अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण से स्वयं की रक्षा की विनती करते हुए कहती हैं कि आप अपने भक्तों के सभी प्रकार के दुखों को दूर करने वाले हैं, अर्थात दुखों का नाश करने वाले हैं। वे दृष्टांत देते हुए कहती हैं कि जिस प्रकार आपने द्रोपदी की लाज को उनकी साडी बढ़ाकर बचाया , अपने भक्त प्रह्लाद को नरसिंह रूप धारण कर उसके पिता हिरण्यकश्यप से बचाया और जिस तरह आपने गजराज ऐरावत को जो कि देवराज  इंद्र की सवारी है को मगरमच्छ के चंगुल से बचाया था, उसी प्रकार हे श्री कृष्ण ! आप अपनी इस दासी अर्थात भक्त के भी सारे दुखों को हर लो अर्थात सभी दुखों का नाश कर दो।

( 2 )

Meera ke Pad Class 10 Explanation

 स्याम म्हाने चाकर राखो जी,

गिरधारी लाला म्हाँने चाकर राखोजी।

चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ।

बिन्दरावन री कुंज गली में , गोविन्द लीला गास्यूँ।

चाकरी में दरसन पास्यूँ, सुमरन पास्यूँ खरची।

भाव भगती जागीरी पास्यूँ , तीनूं बाताँ सरसी।

मोर मुगट पीताम्बर सौहे , गल वैजन्ती माला।

बिन्दरावन में धेनु चरावे , मोहन मुरली वाला।

ऊँचा ऊँचा महल बनावँ बिच बिच राखूँ बारी।

साँवरिया रा दरसण पास्यूँ ,पहर कुसुम्बी साड़ी।

आधी रात प्रभु दरसण ,दीज्यो जमनाजी रे तीरा।

मीराँ रा प्रभु गिरधर नागर , हिवड़ो घणो अधीरा।

शब्दार्थ

स्याम – श्री कृष्ण

चाकर – नौकर

रहस्यूँ – रह कर

नित – हमेशा

दरसण – दर्शन

जागीरी -जागीर , साम्राज्य

कुंज – संकरी

पीताम्बर – पीले वस्त्र

धेनु – गाय

बारी – बगीचा

पहर – पहन कर

तीरा – किनारा

अधीरा – व्याकुल होना

प्रसंग -: प्रसंग :- प्रस्तुत पद हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘स्पर्श‘ भाग 3  के पाठ ‘पद‘ से लिया गया है। इसकी कवयित्री मीराबाई हैं। इसमें कवयित्री अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन कर रही है और श्री कृष्ण की नजदीकी के लिए वह अपनी व्याकुल को दर्शा रही हैं।

व्याख्या -: प्रस्तुत पद में कवयित्री मीराबाई अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन करते हुए उनकी नजदीकी के लिए वह अपनी व्याकुल को दर्शा रही हैं। वे कहती हैं कि हे कृष्ण ! आप मुझे अपना नौकर बना लो फिर चाहे मुझे हमेशा के लिए आपका नौकर बन कर ही क्यों न रहना पड़े।  वे आगे कहती हैं कि नौकर बनकर मैं आपके लिए बागीचे लगाउंगी, जिससे मैं सुबह उठ कर रोज आपके दर्शन पा सकूँ। फिर वृन्दावन की संकरी गलियों में मैं आपकी लीलाओं का गान करुँगी।  उनका मानना है कि नौकर रहते हुए उन्हें अपने आराध्य की तीनों प्रकार की भक्ति का फायदे होगा। सबसे पहले वे सदा उनके नजदीक रहते हुए उनके दर्शन प्राप्त करेंगी , साथ ही उन्हें सदा अपने आराध्य का स्मरण का इनाम स्वयं ही प्राप्त हो जाएगा। और तब वे अपने आराध्य श्री कृष्ण की भाव भक्ति का साम्राज्य प्राप्त कर लेंगी। अर्थात मीराबाई को श्री कृष्ण की भक्ति तीनों रूपों (दर्शन, स्मरण और भाव-भक्ति) में प्राप्त होगी।  पद में आगे वे श्री कृष्ण के रूप सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहती हैं कि श्री कृष्ण पीले वस्त्र धारण किये हुए हैं ,सर पर मोर के पंखों का मुकुट विराजमान है और गले में वैजन्ती फूल की माला को धारण किए हुए हैं। वृन्दावन में गायें चराते हुए जब वे मुरली बजाते हैं तब सबका मन मोह लेते हैं।

मीरा कहती है कि मैं ऊँचे ऊँचे महल बनाउंगी और उनके बीच-बीच में बगीचे लगाऊगी।  जिनमें कुसुम्बी साड़ी पहन कर अपने आराध्य के दर्शन प्राप्त करुँगी, अर्थात श्री कृष्ण के दर्शन के लिए साज श्रृंगार करुँगी। मीरा कहती हैं कि हे प्रभु ! गिरधर नागर श्री कृष्ण आप मुझे आधी रात के समय जमुना जी  के किनारे  दर्शन दे जिससे आपके दर्शन प्राप्त करने में किसी भी तरह का व्यवधान न हो। मेरा मन आपके दर्शन प्राप्ति के लिए अत्यंत व्याकुल है। 

Meera ke Pad Class 10 Explanation

Meera ke Pad Class 10 Solution link Click here

Class 10 Chapter wise Explanation, Class 10 Question Answers Tags:Meera ke Pad Class 10 Explanation, Meera ke Pad Class 10 Explanation Question Answers, NCERT Solution for Meera ke pad

Post navigation

Previous Post: Chapter 2 Pad “पद” के प्रश्न-अभ्यास
Next Post: Chapter 12 “तताँरा-वामीरो कथा”

More Related Articles

Chapter 13- तीसरी कसम के शिल्पकार : शैलेंद्र Class 10 Chapter wise Explanation
पाठ 4 “मनुष्यता” प्रश्न-उत्तर Class 10 Question Answers
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 Pad Chapter 2 Pad “पद” के प्रश्न-अभ्यास Class 10 Chapter wise Explanation
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1 Saakhi Chapter 1-“साखी” के प्रश्न-अभ्यास Class 10 Chapter wise Explanation
Chapter 12 “तताँरा-वामीरो कथा” Class 10 Chapter wise Explanation

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

  • कक्षा 7 पाठ 4 मिठाईवाला
  • कक्षा 8 पाठ 5 क्या निराश हुआ जाए
  • कक्षा 8 पाठ 3 दीवानों की हस्ती
  • कक्षा 8 पाठ 2 बस की यात्रा
  • कक्षा 8 पाठ 4 – भगवान के डाकिये

Archives

  • May 2023
  • April 2023
  • March 2023
  • February 2023

Categories

  • Class 10 Chapter wise Explanation
  • Class 10 Question Answers
  • Class 6 Chapter wise Explanation
  • Class 7 Chapter wise Explanation
  • Class 8 Chapter wise Explanation
  • Class 9 Chapter wise Explanation
  • Uncategorized
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms of use

Copyright © 2025 हिन्दी साहित्य दर्पण.

Powered by PressBook Blog WordPress theme