NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Chapter 1 Lakh Ki Chudiyan लाख की चूड़ियाँ

प्रश्न-अभ्यास
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Chapter 1 Lakh Ki Chudiyan लाख की चूड़ियाँ
प्रश्न 1. बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था?
उत्तर : बचपन में लेखक को अपने मामा के गाँव जाने का चाव इसलिए था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में रहने वाला बदलू उसे सुंदर-सुंदर लाख की गोलियाँ बनाकर दिया करता था। बदलू लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला एक कारीगर था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। लेखक का दोपहर का समय अधिकतर बदलू के पास ही गुजरता था। वह बदलू को लाख पिघलाकर चूड़ियां बनाते देखता रहता। अंत में बचे हुए लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ बनाकर लेखक को देता था।
लेखक के मामा के गाँव के सभी बच्चे बदलू को ‘बदलू काका’ कहते थे इसलिए लेखक भी बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था।
प्रश्न 2. वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर: ‘वस्तु विनिमय’ लेन-देन का एक तरीका है। इसमें एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु को लिया जाता था। कोई वस्तु पैसे से नहीं खरीदी जाती। वस्तु के स्थान पर वस्तु ही ली-दी जाती है। किन्तु आज-कल मुद्रा के चलन के कारण वर्तमान स्थितियों में वस्तु का लेन-देन मुद्रा के द्वारा होता है। विनिमय की प्रचलित पद्धति मुद्रा है।
प्रश्न 3. ‘मशीनी युग’ ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ – इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर: ‘मशीनी युग’ ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ – इस पांति में लेखक ने प्राचीन हस्त शिल्प कारीगरों की बिगड़ती हुई आर्थिक स्थिति से उनके अंदर उत्पन्न व्यथा की ओर संकेत किया है कि किस तरह मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथ से काम-धंधा छिन गया। मानो उनके हाथ ही काट दिए गए हों। उन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धन्धों का ही था, इसी से ही उनका परिवार चलता था। इस काम के अलावा उन्होंने कभी कोई दूसरा काम नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस कला को बढ़ाते चले आ रहे थे और साथ में रोज़ी रोटी भी चला रहें हैं। परन्तु मशीनी युग ने जहाँ उनकी रोज़ी रोटी पर वार किया है। मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया।
प्रश्न 4. बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर: बदलू लाख की चूड़ियाँ बेचा करता था परन्तु जैसे-जैसे काँच की चूडियों का प्रचलन बढ़ता गया उसका व्यवसाय ठप पड़ने लगा। अपने व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को मन ही मन कचौटती थी। बदलू के मन में इस बात कि व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरुप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। यह व्यथा लेखक से छिपी न रह सकी।
प्रश्न 5. मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर: मशीनी युग के आजाने से बदलू का सारा जीवन ही बदल गया। बदलू का पैतृक व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया। वह बेरोजगार हो गया। काम न करने के कारण उसका शरीर भी कमजोर हो गया, उसके हाथों और माथे पर नसें उभर आईं। अब वह बीमार रहने लगा।
प्रश्न 6. लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीज़ें बनती है? ज्ञात कीजिए।
उत्तर: लाख की वस्तुओं का निर्माण सर्वाधिक उत्तरप्रदेश में होता है। लाख से चूड़ियाँ, मूर्तियाँ, गोलियाँ तथा सजावट की वस्तुओं का निर्माण होता है।
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भाषा की बात
प्रश्न 1.\‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूडि़यों से’ और बदलू स्वयं कहता है -” जो सुंदरता काँच की चूडि़यों में होती है लाख में कहाँ संभव है? ”ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
उत्तर: व्यंग्य वाक्य – ‘अब पहले जैसी औलाद कहाँ?’
व्याख्या – वर्तमान समय में किसी भी बुजुर्ग के मुख से यह बात सुनने को मिल जाती है कि ‘अब पहले जैसी औलाद कहाँ?’ है, जिसमें उनके हृदय में छिपी हुई पीड़ा और व्यंग्य देखने मिलता है। उनका मानना है कि आजकल की संतान बुजुर्गों को अधिक सम्मान नहीं देती।
प्रश्न 2. ‘बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है –
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे – लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर: (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा – बदलू, सिंदूरी आम, जनार्दन।
(ख) जातिवाचक संज्ञा – आदमी, मकान, शहर।
(ग) भाववाचक संज्ञा – स्वभाव, रूचि, व्यथा।
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प्रश्न 3. गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर:
इंसान – मनुष्य
रंज – दुख
गम – मायूसी
ज़िंदगी – जीवन
औलाद – संतान
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