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कक्षा 7 पाठ -1 “हम पंछी उन्मुक्त गगन के” भावार्थ |सारांश

Posted on April 25, 2023April 25, 2023 By pankajd10 No Comments on कक्षा 7 पाठ -1 “हम पंछी उन्मुक्त गगन के” भावार्थ |सारांश

Explanation for Class 7 Hindi Chapter 1 Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke पाठ 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

पाठ प्रवेश ( हम पंछी उन्मुक्त गगन के ) –

‘ हम पंछी उन्मुक्त गगन के ‘ कविता आज़ादी को पसंद करने वाले पक्षियों पर आधारित एक बहुत ही अद्भुत कविता है। कवि हमें पक्षियों के माध्यम से मनुष्य जीवन में आज़ादी का मूल्य बताना चाहता है। हम सभी जानते हैं कि आज़ादी से अधिक प्यारा कुछ भी नहीं होता है। पराधीनता किसी को भी पसंद नहीं होती। फिर चाहे वो इंसान हो या कोई पशु या पक्षी। इस कविता के माध्यम से कवि ने यही स्पष्ट करने की कोशिश की है कि गुलामी में भले ही आपको सभी सुख – सुविधाएँ क्यों न उपलब्ध हो और आजादी को जिन्दगी में भले ही कष्ट ही कष्ट क्यों न हो , फिर भी सभी आजादी को ही चुनना पसंद करेंगे। प्रस्तुत कविता में कवि ने पिंजरे में कैद पक्षियों की मनोदशा का वर्णन किया है।

NCERT Solutions for Vasant Bhag 2 Class 7 Hindi Chapter 1 Ham Panchhi Unmukta gagan ke हम पंछी उन्मुक्त गगन के

Explanation for Class 7 Hindi Chapter 1 Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke पाठ 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke – Class 7 Hindi Lesson 1 Detailed explanation of class 7 Hindi book lesson 1 ”Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke” along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson

पाठ सार ( हम पंछी उन्मुक्त गगन के ) –

‘ हम पंछी उन्मुक्त गगन के ‘ कविता कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी की एक बहुत ही अद्भुत कविता है। इस कविता में कवि हमें पक्षियों के माध्यम से मनुष्य जीवन में आज़ादी का मूल्य बताना चाहता है। प्रस्तुत कविता में कवि पिंजरे में बंद पक्षी की व्यथा का वर्णन करते हुआ कहते हैं कि पक्षी खुले और आज़ाद आसमान में उड़ने वाले प्राणी हैं , पिंजरे के अंदर बंद होकर न तो वे खुशी से गाना गा पाएँगे और न ही खाना और पानी पी पाएँगे। आज़ाद होने की चाह में जब वे अपने नरम पंख फडफ़ड़ाएंगे तो पिंजरे की सोने की सलाखों से टकराकर उनके पंख टूट जाएँगे। पक्षियों को बहता हुआ पानी अर्थात नदियों , झरनों का पानी पीना पसंद है। उसके लिए पिंजरे में सोने की कटोरी में रखा हुआ पानी और मैदा को खाने से अच्छा वे भूखे – प्यासे मर जाएँगे क्योंकि उन्हें उस सोने की कटोरी में रखा हुआ पानी और मैदा से कहीं अच्छा नीम का कड़वा फल लगता है। क्योंकि वे उसे आजादी के साथ खा सकते हैं। सोने की जंजीरों से बने पिंजरे में बंद कर दिए जाने के कारण पक्षी अपनी उड़ने की कला और रफ़्तार , सब कुछ भूल गए हैं। अब तो वे केवल सपने में ही पेड़ों की ऊँची डालियों में झूला  झूल सकते हैं। इस पिंजरे में कैद होने से पहले पक्षी की इच्छा थी कि वह नीले आसमान की सीमा तक उड़ते चला जाए। वह अपनी सूरज की किरणों के जैसी लाल चोंच को खोल कर तारों के समान अनार के दानों को चुग लें। यह सब पक्षी की मात्र कल्पना है ,क्योंकि वह पिंजरों के बंधन में कैद है। कविता में पक्षी अपने मन की बात को हम तक पहुंचाने का प्रयास भी कर रहा है। वह कहता है की अगर वह आजाद होता तो क्षितिज को पार करने के लिए अपने प्राणों का त्याग करने से भी पीछे नहीं हटता। प्रस्तुत कविता में पक्षी उसे पिंजरे में कैद करने वाले व्यक्ति से प्रार्थना करता हुआ कहता है कि भले ही वह पक्षी को पेड़ पर टहनियों के घोसले में न रहने दें और चाहे उसके रहने के स्थान को भी नष्ट कर दे। परन्तु जब भगवान ने उसे पंख दिए है , तो उसकी उड़ान में रुकावट ना डाले।

Explanation for Class 7 Hindi Chapter 1 Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke

सम्पूर्ण कविता का आशय यह है कि पक्षी को गुलामी में मिलने वाली सुख -सुविधाओं और देखभाल से कही अच्छी कठिन आजादी लग रही है। वह आजाद हो कर बहता पानी पीना चाहता है , कड़वा नीम का फल खाना चाहता है , क्षितिज तक अपने साथियों संग प्रतिस्पर्धा करना चाहता है। इसी कारण वह अंत में प्रार्थना कर रहा है कि यदि उसे भगवान् ने उड़ने के लिए पंख दिए हैं तो उसे खुले आसमान में आजादी के साथ उड़ने दिया जाए।

इस लेख में हमकक्षा – 7 की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ” वसंत – भाग 2 ” के पाठ 1 “ हम पंछी उन्मुक्त गगन के ” कविता का पाठ व्याख्या, कठिन शब्दों के अर्थ पर चर्चा करेंगे |

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Class 7 Chapter wise Explanation Tags:Explanation for Class 7 Hindi Chapter 1 Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke, पाठ 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

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